महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में होगा मर्ज, सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जुलाई 2025 से महंगाई भत्ते को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब डीए (Dearness Allowance) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा और इसके बाद डीए की गणना शून्य से फिर से शुरू होगी। अभी तक कर्मचारियों को करीब 50% तक डीए दिया जा रहा है, और इसके बढ़ते बोझ को देखते हुए इसे बेसिक में जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी, साथ ही पेंशन, पीएफ, ग्रेच्युटी जैसी सुविधाओं में भी लाभ होगा। रिपोर्ट के मुताबिक यह नियम 1 जुलाई 2025 से लागू किया जा सकता है ताकि कर्मचारियों को महंगाई के असर से राहत मिल सके और भविष्य में डीए की बढ़ोतरी बढ़ी हुई सैलरी पर मिलती रहे।

डीए क्या होता है और क्यों दिया जाता है
महंगाई भत्ता केंद्र और राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। इसका निर्धारण AICPI इंडेक्स के आधार पर होता है और यह हर छह महीने में संशोधित किया जाता है। जब महंगाई बढ़ती है, तो डीए को भी बढ़ा दिया जाता है ताकि कर्मचारियों की वास्तविक आय में गिरावट न हो। अभी कर्मचारियों को करीब 50% डीए मिल रहा है। इस वजह से डीए को बेसिक में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है ताकि भविष्य में कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ प्राप्त हो सके।
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डीए मर्ज होने पर कर्मचारियों को क्या फायदा होगा
डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में सीधा इजाफा होगा। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है और उसे 50% डीए मिल रहा है, तो 10,000 रुपये सीधे बेसिक सैलरी में जुड़ जाएंगे और नई बेसिक सैलरी 30,000 रुपये हो जाएगी। इसके बाद डीए की गणना शून्य से शुरू होगी और भविष्य में बढ़ने वाला डीए अब बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर दिया जाएगा। इस फैसले से पेंशन, ग्रेच्युटी और पीएफ की गणना में भी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि भी बढ़ जाएगी।
डीए मर्ज होने से कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैसे मिलेगा सीधा लाभ
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डीए के बेसिक सैलरी में मर्ज होने से रिटायरमेंट पर मिलने वाली पेंशन बढ़ेगी क्योंकि पेंशन की गणना भी बेसिक सैलरी के आधार पर होती है। साथ ही ग्रेच्युटी और पीएफ की राशि भी बढ़ जाएगी। डीए बढ़ोतरी भविष्य में बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर मिलेगी जिससे कर्मचारियों की मासिक इनकम में भी बढ़ोतरी होगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बड़ा तोहफा साबित होगा क्योंकि उनकी सैलरी में सीधा लाभ मिलेगा और महंगाई के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
डीए को मर्ज करने की प्रक्रिया और नियम
डीए को मर्ज करने की प्रक्रिया के तहत सरकार पहले डीए की दर 50% होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोड़ने का आदेश जारी करती है। इसके बाद कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय होती है और डीए को शून्य से फिर से लागू किया जाता है। इसके बाद महंगाई भत्ते की नई गणना बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर होती है। सरकार ने इससे पहले भी 2006 में छठे वेतन आयोग के दौरान डीए को बेसिक में मर्ज किया था। उसी तर्ज पर अब सातवें वेतन आयोग के तहत डीए मर्ज करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
महंगाई भत्ता मर्ज से जुड़े अन्य फायदे
डीए मर्ज होने से कर्मचारियों के अन्य भत्तों में भी इजाफा होगा। जैसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवल अलाउंस (TA), मेडिकल अलाउंस आदि का निर्धारण भी बेसिक सैलरी के आधार पर होता है। बेसिक बढ़ने पर इन भत्तों में भी वृद्धि होगी जिससे कुल सैलरी में बढ़ोतरी होगी। साथ ही डीए मर्ज होने से रिटायरमेंट बेनिफिट्स भी बढ़ जाएंगे, जिससे कर्मचारियों को भविष्य में भी लाभ मिलेगा।
सरकार ने डीए मर्ज पर क्यों लिया फैसला
सरकार के इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य महंगाई के असर को कम करना और कर्मचारियों की वास्तविक आय को बढ़ाना है। डीए को मर्ज करने से कर्मचारियों की इनकम बढ़ेगी और वे महंगाई से बेहतर तरीके से निपट पाएंगे। इससे सरकार पर डीए के अलग-अलग भुगतान का बोझ भी कम होगा और कर्मचारियों को लंबी अवधि में इसका लाभ मिलेगा।
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डिस्क्लेमर
यह आर्टिकल सामान्य जानकारी और शिक्षा उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना, वेतन परिवर्तन या डीए मर्ज से जुड़े निर्णय लेने से पहले संबंधित विभाग या सरकारी वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।
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